माणा गांव में 12 साल बाद लगने वाले पुष्कर कुंभ के भव्य आयोजन पर संशय के बादल हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते हवाई सेवाएं प्रभावित होने से इस आयोजन में श्रद्धालुओं के सीमित संख्या में ही पहुंच पाएंगे। हालांकि अभी आयोजकों की ओर से इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।
माणा गांव के पास अलकनंदा व सरस्वती के संगम पर 12 साल में दक्षिण भारत के श्रद्धालु पुष्कर कुंभ का आयोजन करते हैं। इस बार 14 से 26 मई तक इसका आयोजन होना है। अभी तक इसमें सीमित संख्या में ही श्रद्धालु पहुंचते थे। लेकिन इस बार बताया जा रहा है कि इसको भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है और एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु इसमें शामिल होने के लिए आ रहे हैं। लेकिन वर्तमान हालात के चलते इसके भव्य आयोजन को लेकर संशय बना हुआ है। दक्षिण भारत से ज्यादातर श्रद्धालु हवाई मार्ग से पहुंचते हैं। कम लोग ही ट्रेन या अन्य वाहनों का उपयोग करते हैं। लेकिन वर्तमान में हवाई सेवाओं के संचालन पर आशंका है, जिससे बड़ी संख्या में लोग पहुंच पाएंगे या नहीं संशय बना हुआ है।
माणा गांव के प्रधान/प्रशासक पीतांबर मोल्फा का कहना है कि इस पुष्कर कुंभ का आयोजन अष्टाक्षरी के संत जिनाजियर स्वामी के नेतृत्व में हो रहा है। अभी तक उनके या अन्य किसी आयोजक ने इस बारे में उनसे संपर्क नहीं किया है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में दक्षिण भारत से शामिल होने के लिए जिन लोगों ने होटल या अन्य जगह बुकिंग कराई हैं उनमें कई ने रद्द करा दिया है। संभव है कि रविवार या सोमवार तक इस आयोजन को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।