इसके बाद मकानों-दुकानों को ताेड़कर भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होगी। रिस्पना-बिंदाल किनारे बनने वाले एलिवेटेड रोड के लिए मकानों को तोड़ा जाएगा। मकानों की भूमि को अधिग्रहीत किया जाएगा। उधर, सामाजिक समाघात सर्वे कराकर स्थानीय लोगों का मन टटोला जा रहा है।
मकानों पर लाल निशान लगाने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो जाएगी।लाल निशान लगाने का मतलब भवन स्वामियों के लिए एक संदेश भी है, ताकि संबंधित लोगों को यह पता चल सके कि उनके मकानों को अधिग्रहीत किया जाएगा और भवन स्वामी अपनी बात रख सकें।
भवन स्वामी भूमि के बदले भूमि या मुआवजे का दावा कर सकते हैं। भवन स्वामियों के मत के आधार पर ही शासन पुनर्वास नीति बनाएगा।जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा, सामाजिक समाघात की प्रक्रिया को पूरा कराया जा रहा है, मकानों का चिह्नीकरण किया गया है, सर्वे रिपोर्ट के बाद तय होगा कि स्थानीय लोग क्या चाहते हैं। उनकी इच्छा के अनुसार ही मुआवजा या जमीन दी जाएगी।